बीजक क्या है?
विक्रेता द्वारा क्रता को बेचे हुए माल का विवरण तैयार करके दिया जाता है, उसे
बीजक कहते है। इस विवरण में बेचे हुए माल की मात्रा, माल की किस्म, माल की दर,
माल का मूल्य एवं क्रेता को दी जाने वाली छूटों का वर्णन रहता है इसमे माल पर किये
जाने वाले व्ययों को जोड़कर कुल भुगतान योग्य रकम दर्शायी जाती है, जिससे क्रेता द्वारा
विक्रेता को कितनी राशि भुगतान की जाना है, इसका पता चल जाता है। यह दो प्रतियों में तैयार िकाय जाता है-प्रथम प्रति क्रेता को दी जाती है तथा
द्वितीय प्रति विक्रेता भविष्य के संदर्भ के लिए अपने पास सुरक्षित रख लेता है।
बीजक में निम्नलिखित बातों का समावेश किया जाता है-
- विक्रेता का नाम, पता
- बीजक संख्या, तारीख
- आदेश संख्या
- क्रेता का नाम एवं पता
- स्थान
- व्यापारिक शर्तें
- माल की संख्या, विवरण, नाप-तौल
- माल की दर एवं कुल रकम
- व्यापारिक छुट (यदि कोई दी गई हो)
- प्रेषण व्यय
- भुगतान योग्य कुल रकम
- माल बेचने का ढंग
- यातायात का नाम
- पैकिंग पर लगाए गये चिन्हों का विवरण
- भूल’-चूक लेनी देनी
- विशेष सूचना
- विक्रेता के हस्ताक्षर आदि
बीजक बनाने से लाभ
क्रेता को लाभ -
- माल आने की सूचना-क्रेता को माल आने की सूचना प्राप्य हो जाती है, उसे माल कहॉं से प्राप्त होगा तथा कितनी रकम का भुगतान करना पड़ेगा, इस बात की जानकारी मिल जाती है।
- प्राप्त माल का बीजक से मिलान करना- क्रेता माल को बीजक से मिलान करके अप्राप्त माल की जानकारी प्राप्त कर लेता है।
- स्थानीय करो का भुुगतान- बीजक की सहायता से स्थानीय करों का भुगतान किया जा सकता है।
- वस्तु के विक्रय मूल्य का निर्धारण-वस्तु के विक्रय मूल्य निर्धारण करने में बीजक बहुत मदद करता है।
- भावी विक्रय की योजना- बीजक की सहायता से अग्रिम सौदे किये जा सकते हैं तथा माल आने के पूर्व ही उसे बेचा जा सकता है।
- बहीखातों का लेखन- बीजक की सहायता से बहीखातों में प्रविष्टि की जाती है।
- स्टॉक की गणना- समस्त बीजको के लेखांकन से स्टॉक की जॉंच सम्भव है।
- भूूलों का समायोजन- बीजक के आधार पर क्रेता-विक्रेता के मध्य हुई त्रुटियों को सुधारा जा सकता है।
- विभिन्न व्ययों का ज्ञान- क्रेता को माल के सम्बन्ध मे होने वाले विभिन्न व्ययों का पूर्ण विवरण प्राप्त हो जाता है।
विक्रेता को लाभ -
- माल की बिक्री का प्रमाण- बीजक माल के विक्रय का प्रमाण होता है।
- प्राप्त राशि का ज्ञान- इससे प्राप्त होने वाली राशि का पता लग जाता है।
- स्कन्ध का ज्ञान- कितना माल गोदाम में शेष रह गया है, इसका पता चल जाता है।
- बहीखातो मे लेखा- बीजक से बहीखातों मे लेखा कर लिखा जाता है।
- कुल बिक्री का ज्ञान- बीजक का योग लगाकर कुल बिक्री का पता लगाया जाता है।
- भूलों का समायोजन- बीजक के आधार पर छूटी हुई रकमों का पता लगाया जा सकता है।
बीजक के प्रकार
सूचनार्थ बीजक -
कभी-कभी क्रेता माल खरीदने के पूर्व विक्रेता से यह जानना चाहता है कि उसने माल खरीदा तो अनुमानत: उसे कितनी राशि माल के क्रय करने पर भुगतान करनी पड़ेगी। विक्रेता इस प्रकार की जानकारी देने के लिउ अनुमानित बीजक तैयार करता है, जिसमें माल की अनुमानित कीमत, अनुमानित व्यय एवं चुकाई जाने वाली कुल अनुमानित राशि लिख देता है इस प्रकार एक विवरण को अनुमानित बीजक या कच्चा बीजक या दर्शनार्थ बीजक कहते है। अनुमानित बीजक निम्न परिस्थितियों मे तैयार किया जा सकता है-- यदि गा्रहक माल की कीमत एवं विक्रय व्ययों की अनुमानित राशि जानना चाहता है।
- यदि माल पसन्दगी अथवा वापसी की शर्त पर भेजा जाता है।
- प्रेषण व्यवहारों में प्रतिनिधियों को माल का विक्रय मूल्य निर्धारित करने के काम मे आता है।
- विदेशी व्यवहारो में क्रेता को आयात कर का अग्रिम भूगतान करने के लिए अनुमानित बीजक बनाकर देना पड़ता है।
- जब पूरा मूल्य क्रेता से अग्रिम प्राप्त करना हो।
सामान्य बीजक -
यदि बीजक माल के वास्तव में विक्रय होने पर ही तैयार किया जाता है तथा विक्रेता द्वारा माल भेजने पर या क्रेता को माल के साथ ही दे दिया जाता है इसमें माल का नाम, मात्रा, भाव, कीमत, क्रेता का नाम आदि सभी बातें लिखी जाती है।बीजक बनाने की विधि
- विक्रेता का नाम व पता,
- बीजक संख्या एवं दिनांक,
- आदेश क्रमांक,
- क्रेता का नाम व पता,
- स्थान,
- व्यापारिक शर्तें,
- माल की संख्या, परिमाण अथवा नाप-तौल का विवरण,
- माल की दर,
- वस्तुओं का पृथक-पृथक मूल्य एवं कुल मूल्य,
- व्यापारिक बट्टा,
- माल भेजने पर किये गये व्यय,
- अग्रिम राशि (यदि कोई क्रेता द्वारा पूर्व में दी गइ्र हो),
- भुगतान योग्य कुल राशि,
- माल भेजने का ढंग का उल्लेख,
- भूल-चूक लेनी-देनी
- विशेष
- विक्रेता के हस्ताक्षर
बीजक के स्वरूप
- स्थानीय बीजक - इस प्रकार के बीजक में वस्तु का सिर्फ वास्तविक मूल्य ही सम्मिलित किया जाता है, छूट की राशि इस मूल्य में से घटा दी जाती है तथा अन्य शेष व्ययो को अलग से बीजक में जोड़कर दर्शाया जाता है।
- रेल पर मुक्त मूल्य बीजक- इस प्रकार के बीजक में वस्तु के वास्तविक मूल्य मे पैकिंग व्यय, स्टेशन तक ढुलाई तथा रेल पर लदान व्यय जोड़ दिये जाते है। तथा दी हुई छूट की राशि इस मूल्य में घटा दी जाती है रेल लदान के बाद अन्य शेष व्ययों को अलग से जोड़कर दर्शाया जाता है।
- लागत एवं भाड़ा मुक्त बीजक- इसमें वस्तु का वास्तविक मूल्य, पैकिंग व्यय, स्टेशन तक ढुलाई, रेल का लदान-व्यय तथा रेल भाड़ा व्यय जोड़कर दर निकाल दी जाती है तथा दी हुई छूट की राशि घटा दी जाती है भाड़े के बाद अन्य व्ययों को बीजक में अलग से लिखते हुए जोड़कर दर्शाया जाता है, इसे लागत और भाड़ा मुक्त बीजक कहते है।
- लागत भाड़ा और बीमा मुक्त बीजक - इसमे लागत भाड़ा और बीजक तक के समस्त व्यय के साथ बीमा व्यय और जोड़ दिया जाता है वस्तु की दर ज्ञात कर ली जाती है तथा दी हुई छुट की रकम इस मूल्य में से घटा दी जाती है बीमा व्यय के बाद होने वाले व्ययो को बीजक मे अलग से जोड़िये लिखकर दर्शाया जाता है।
- सर्वव्यय मुक्त बीजक - इस बीजक मे समस्त व्यय जैसे- वस्तु का मूल्य, पैकिंग व्यय, स्टेशन तक की ढुलाई, रेल का लदान व्यय, रेल भाड़ा बीमा तथा माल को क्रेता के स्थान पर उतार करके उसके गोदाम तक माल को ले जाने के समस्त व्यय सम्मिलित किये जाते है।