राष्ट्र राज्य किसे कहते हैं भारत एक राष्ट्र राज्य की विशेषता?

(राष्ट्र राज्य) कहते हैं कि एक जनसमूह को जिनकी एक पहचान होती है, एवं राज्य जिसकी अपनी एक निश्चित भौगोलिक सीमाएं होती है। राष्ट्र राज्य उस राज्य को कहते हैं जो राज्य की राजनैतिक सत्ता को उसकी सांस्कृतिक सत्ता से मिला है। राष्ट्र राज्य एक ऐसा राज्य है, जिसमें सांस्कृतिक सीमाएं राजनीतिक लोगों के साथ मेल खाली हो एक राष्ट्र एक सामान्य जातीयता के अर्थ मं,े एक प्रवासी या शरणार्थी शामिल हो सकते हैं, जो राष्ट्र राज्य के बाहर रहते हैं सामान्य अर्थों में राष्ट्र राज्य केवल एक बड़ा राजनीतिक रूप से सम्प्रभु देश या प्रशासनिक क्षेत्र है।
  1. एक बहुराष्ट्रीय राज्य, जहां कोई भी एक जातीय समूह न होकर विभिन्न संस्कृति के लोग निवास करते हैं, अर्थात बहुसांस्कृतिक राज्य ।
  2. ऐसा साम्राज्य, जो कई देशों और एक ही राज्य या शासक राज्य के तहत राष्ट्रों से बना हो।
  3. राष्ट्र राज्यों की उत्पत्ति एवं प्रारंभिक इतिहास विवादित है, कौन सा देश या राष्ट्र राज्य पहले आया? स्टीवन बेबर बुडवर्ड जैसे विद्वानों ने इस परिकल्पना को आगे बढ़ाया कि राष्ट्र राज्य राजनीतिक सरलता या अज्ञान स्रोत से उत्पन्न नहीं हुआ था।

भारत एक राष्ट्र राज्य की विशेषता

(विद्वानों के मतानुसार राज्य) कुछ विद्वान भारत को राष्ट्र राज्य नहीं मानते क्योंकि उनका मानना है कि भारत कई राज्यों का राष्ट्र है, जिसके लिए वे राष्ट्र राज्य शब्द का प्रयोग करते हैं, उनके अनुसार भारत कई राष्ट्रों (जिनको हम राज्य कहते हैं) से मिलकर बना हो। इन क्षेत्रों की अलग-अलग भाषाएं संस्कृति और इतिहास है, यदि उनके इस तथ्य को स्वीकार किया जाये तो विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर होने वाले आंदोलन जैसे खालिस्तानी आंदोलन, असम आंदोलन, नक्सलवादी आंदोलन, झारखण्ड आंदोलन जिनकों हम उपराष्ट्रवादी आंदोलन कहते हैं, वे आंदोलन राष्ट्रवादी आंदोलन हो गए। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका संचालन उस राष्ट्र के निवासी अपनी राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत होकर कर रहे हैं।

कुछ विद्वानों के अनुसार हमें राष्ट्रवादी होने के बजाय देशभक्त होना चाहिये। देश लोगों से मिलकर बनता है इसलिए देश से प्रेम करने से पहले देश के लोगों में प्रेम करना जरूरी है। राष्ट्र उस जन समूह को कहते हैं, जिनकी एक पहचान होती है जो कि उन्हें उस राष्ट्र से जोड़ती है, तात्पर्य यह है कि साधारणतया समान भाषा, धर्म, इतिहास, नैतिक व्यवहार आचार हो, जहां राष्ट्र व राज्य में एकरूपता हो, वहाॅ राज्य विद्यमान होता है राज्य जब राष्ट्र के अनुरूप होता है तो उसमें स्थायित्व व दृढ़ता पाई जाती है। भू राजनीतियों के अनुसार राष्ट्रीय हित, राष्ट्रीय एकता एवं राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखना आवश्यक हो एक राष्ट्र विकास की लंबी यात्रा का परिणाम हो जो रीतिरिवाज भाषा, धर्म आदि की एकता से स्थापित हुआ है।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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