स्वस्थ आहार क्या है, इसके फायदे और डाइट चार्ट

स्वस्थ आहार

एक स्वस्थ आहार में समस्त आधारभूत 4 खाद्य पदार्थों के समूहों का उचित मात्रा में मिश्रण होता है जिससे शारीरिक आवश्यकताओं की समुचित प्रकार से पूर्ति हो सके, इसी को आहार की विविधता कहते हैं। 

शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किस मात्रा में आहार चाहिए यह आयु, लिंग, शारीरिक संरचना एवं शारीरिक गतिविधि पर निर्भर करता है। भारी श्रम करने वालों को अधिक खाने की जरूरत होती है, लेकिन जो ज्यादा शारीरिक काम नहीं करते, उन्हें कम खाने की जरूरत होती है। समस्त खाद्य पदार्थों के समूहों से संतुलित एवं पर्याप्त मात्रा में आहार लेने से शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। कई प्रकार के परम्परागत खाद्य पदार्थ जिसमें रेशे की मात्रा अत्यधिक होती है जैसे कि साबूत अनाज, आटा, ज्वार, बाजरा, दाल, फल एवं सब्जियां स्वस्थ आहार के उदाहरण हैं।

अस्वस्थ आहार क्या है? 

पिछले कुछ वर्षों में हमारे देष में ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों के रहन-सहन एवं खाने के तौर तरीकों में काफी बदलाव देखने में आया है। आर्थिक स्थिति में लगातार आ रहे सुधार से कुछ लोगों के खाने के तौर तरीकों में बदलाव आया है। गरीबी के प्रभाव से भी लोगों के खान-पान की आदतों पर असर पड़ा है। 

अब लोग परम्परागत रेशे युक्त खाद्य पदार्थों जैसे आटा, मैदा, चावल, चूड़ा, मक्का, जई, सूजी, सेवइयां, फूला हुआ चावल, बाजरा, रागी, ज्वार इत्यादि के बदले प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक कर रहे हैं। ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें शर्करा, नमक, वसा, अथवा तेल की मात्रा अधिक होती है, तथा फल एवं सब्जि़यों की मात्रा कम होती है, को अस्वस्थ आहार कहा जाता है। 

निम्नलिखित बिन्दुओं की सहायता से आप लोगों को स्वस्थ आहार लेने में सहयोग प्रदान कर सकते हैंः 
  1. कई प्रकार के ताजा, मौसमी एवं स्थानीय रूप से उपलब्ध फल एवं सब्जि़यों का सेवन करें (जिसमें हरी पत्तेदार सब्जि़यां भी शामिल हैं) 
  2. साबूत अनाज एवं दालों को पूरा खाएं क्योंकि वह रेशे से भरपूर होते हैं। इनकी सहायता से शरीर में शर्करा एवं वसा के पचने की प्रक्रिया धीमी होती है। 
  3. संसाधित खाद्य पदार्थों के सेवन को कम करें तथा धीरे-धीरे पूरी तरह समाप्त करें क्योंकि इनमें शर्करा, वसा एवं नमक की मात्रा अत्यधिक होती है। 
  4. फलों के जूस का सेवन कम करके पूरे साबुत फलों का सेवन करें। 
  5. खाने में कम से कम नमक का इस्तेमाल करें तथा नमक से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें, जैसे कि पापड़, अचार, नमकीन इत्यादि। 
  6. भोजन में अत्यधिक शर्करा वाले खाने से बचें। 
  7. रेड मीट के सेवन से बचें एवं इसके बदले चिकन तथा मछली का सेवन करें। 
  8. खाने में सरसों का तेल, मूंगफली का तेल अथवा सोयाबीन तेल इस्तेमाल करें। 
  9. ऐसे खाद्य पदार्थ जो अत्यधिक तेल में पकाए गए हैं जैसे समोसा, वड़ा, कचैरी, पकोड़ा इत्यादि का सेवन कम से कम करें। 
  10. पानी का सेवन अत्यधिक मात्रा में करें। एक दिन में कम से कम 10 गिलास पानी अवश्य पीयें। मक्खन, दूध, लस्सी, नारियल का पानी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है तथा इनका सेवन नियमित करना चाहिए। बोतल वाले पेय, डब्बा बंद फलों के जूस, साॅफ्ट ड्रिंक इत्यादि के प्रयोग से बचें।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

Post a Comment

Previous Post Next Post