8 जुलाई 1807 को नेपोलियन ने रूस के साथ तिलसिट की संधि की। संधि में नेपोलियन
तथा जार ने पश्चिमी तथा पूर्वी यूरोप को अपने-अपने कार्य क्षेत्रों के रूप में बांट लिया। तथा रूस
से कोई हर्जाना नहीं लिया गया। रूस ने नेपोलियन द्वारा निर्मित नये राज्यों को स्वीकार कर लिया।
एक गुप्त संधि के अनुसार रूस ने इंग्लैण्ड के विरूद्ध नेपोलियन को महाद्वीपीय व्यवस्था में मदद
करने का वचन दिया।
प्रषा के साथ एक अलग संधि की गई। प्रषा का आधा राज्य नेपोलियन ने छीन लिया तथा
हर्जाना भी थोप दिया। सैनिक शक्ति सीमित कर दी राईन नदी के किनारे कुछ प्रदेशों को मिलाकर
वेस्टफेलिया नामक नया राज्य स्थापित कर दिया।
तिलसिट की संधि का महत्व
तिलसिट की संधि ने नेपोलियन को उसके उत्कर्ष की एक चरम सीमा पर पहुंचा दिया।
अब वह विश्व की एक महान शक्ति बन गया था। वस्तुतः 1807 में वह एक ऐसा विश्व विधाता बन
गया था कि जिसकी तूती सारे विश्व में बोलती थी। तिलसिट की संधि का महत्व महाद्वीपीय
व्यवस्था के लिए की गई गुप्त संधि के संदर्भ में समक्षा जाना चाहिए।
Tags:
तिलसिट की संधि
Gehan chintan aur pathan me kya sambandh h
ReplyDelete