साधारण शब्दों में जिस दर पर एक देश की वस्तुओं का लेन–देन दूसरे देश की वस्तुओं से
होता है, उसे व्यापार की शर्त कहा जाता है। किसी देश के निर्यात और आयात
के बीच का लेन–देन अनुपात ही व्यापार की शर्त है। लेकिन आगे जब हम व्यापार की शर्त
के कई प्रकार का अध्ययन करेंगे तब हमें पता चलेगा कि व्यापार की शर्त का मतलब
इससे कहीं अधिक है। इसको निर्धारित करने में न सिर्फ लेन–देन होने वाले वस्तुओं
की भौतिक मात्रा का महत्व है बल्कि उनके मूल्यों का भी उतना ही अधिक महत्व है। साथ
ही लेन–देन होनेवाले वस्तुओं के उत्पादन में लगे साधनों व उनके पारिश्रमिक की दर का
भी महत्व है।
व्यापार की शर्त के प्रकार
व्यापार की शर्त को निर्धारित करने के लिए अर्थशास्त्रियों ने कई सूत्र दिए हैं। इन्हें तीन श्रेणी में रखा गया है.
- वस्तु-विनिमय अनुपात से सम्बंधित व्यापार की शर्त
- संसाधनों के हस्तांतरण से सम्बंधित व्यापार की शर्त
- उपयोगिता से सम्बंधित व्यापार की शर्त