भोज्य पदार्थ वे सभी हैं जिन्हें हम भोजन के रूप में
खाते हैं, जैसे- अनाज, दालें, मसालें, सब्जियाँ, फल,
घी, दूध भोज्य पदार्थ कहते हैं इन सब भोज्य पदार्थों में हर पौष्टिक तत्व अलग-अलग
मात्रा में होते हैं। केवल एक या दो भोज्य पदार्थ भोजन को सन्तुलित नहीं बना सकते हैं। किसी एक भोज्य पदार्थ में सभी पौष्टिक तत्व नहीं
होते।
भोज्य पदार्थ का वर्गीकरण
विशेषज्ञों ने प्रतिदिन की आहार योजना बनाने के लिए भोज्य पदार्थों को समूहों में विभाजित किया है।
1. प्रथम समूह-
प्रथम भोज्य समूह प्रोटीन की प्राप्ति के लिए बनाया गया है।
प्रथम भोज्य समूह में निम्नलिखित भोज्य पदार्थ हैं:-
1. दूध से बने पदार्थ- इसमें दूध, दही, पनीर, चीज, खोया सम्मिलित हैं। दूध प्रोटीन कैल्शियम, फास्फोरस, जीवन सत्व ए
एवं बी1 का उत्तम साधन है।
2. दालें, सूखे मेवे- इसमें सभी दालें, मूंग, उदड़, मसूर, अरहर, मटर लोबिया, सोयाबीन, राजमा, बीन्स सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू, पिस्ता व मूंगफली हैं। इसमें प्रोटीन, ऊर्जा न दिखने वाला वसा, विटामिन बी, विटामिन बी2, फोलिक अम्ल, कैल्शियम, लौह लवण तथा रेशे सही मात्रा में पाये जाते हैं।
3. माँस, मछली, मुर्गी, अण्डा- हर प्रकार का माँस, मुर्गी, लिवर, मछली, अण्डा इसमें है। इसमें प्रोटीन, वसा, लौह तत्व तथा विटामिन बी2 की भरमार होती है। इनकी प्रोटीन में एमिनो एसिड पाये जाते हैं।
2. दालें, सूखे मेवे- इसमें सभी दालें, मूंग, उदड़, मसूर, अरहर, मटर लोबिया, सोयाबीन, राजमा, बीन्स सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू, पिस्ता व मूंगफली हैं। इसमें प्रोटीन, ऊर्जा न दिखने वाला वसा, विटामिन बी, विटामिन बी2, फोलिक अम्ल, कैल्शियम, लौह लवण तथा रेशे सही मात्रा में पाये जाते हैं।
3. माँस, मछली, मुर्गी, अण्डा- हर प्रकार का माँस, मुर्गी, लिवर, मछली, अण्डा इसमें है। इसमें प्रोटीन, वसा, लौह तत्व तथा विटामिन बी2 की भरमार होती है। इनकी प्रोटीन में एमिनो एसिड पाये जाते हैं।
2. द्वितीय समूह-
1. फल- इसमें रसदार खट्टे, फल जैसे- सन्तरा, आँवला, मौसमी, अमरूद, अनन्नास हैं। इसके आलवा सभी पीले फल जैसे आम, पपीता, आदि। पका टमाटर, तरबूज, खरबूज, बेर, अनार सभी प्रकार के फल हैं। इनसे विटामिन ‘सी’, विटामिन ‘ए’ कैरोटीन्याॅड रेशे ज़्यादा पाये जाते हैं।2. हरी सब्जियाँ- इसमें पालक, सरसों, सहजन के पत्ते,
मैथी, बथुआ, चैलाई, राई, मूली के पत्ते, गोभी व शलजम के पत्ते आते हैं। इनमें कैल्शियम, लौह लवण, विटामिन बी2, फोलिक
एसिड तथा रेशे सही मात्रा में पाये जाते हैं।
3. तृतीय समूह-
इसमें बैंगन भिण्डी, शिमला मिर्च,
लौकी, तोरई, कटहल, करेला, टमाटर, मटर, बीन्स, फूल गोभी, टिण्डे,
खीरा, ककड़ी आदि आते हैं। इस समूह से कैल्शियम कैरोटिनयाॅड,
फोलिक एसिड, फाॅस्फोरस व अन्य खनिज लवण रेशे प्राप्त होते हैं।
4. चतुर्थ समूह-
इसमें सभी कन्दमूल सब्जियाँ जैसे आलू,
प्याज, शकरकन्द, गाजर, मूली, शलगम, चुकन्दर आते हैं एवं
अनाजों में चावल, गेहूँ बाजरा, ज्वार, मक्का आते हैं। इनसे प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट कुछ मात्रा में प्रोटीन, न दिखने
वाला वसा, विटामिन बी1 विटामिन बी2 फोलिक अम्ल, लौह लवण तथा
रेशे पाये जाते हैं।
5. पंचम समूह-
यह समूह मुख्य रूप से ऊर्जा प्रदान करता है।
इसमें वसा, तेल, घी, मक्खन, डालडा आते हैं।
इनसे वसा एवं वसीय अम्ल तथा जीवन सत्व ‘ए’ ‘डी’ प्राप्त होते हैं। इसमें चीनी, गुड़ शक्कर सम्मिलित हैं, जिससे ऊर्जा प्राप्त होती है।
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भोज्य पदार्थ