कैमरे का आविष्कार कब और किसने किया

हम जो कुछ भी अपनी आंखों से देखते हैं उसकी छाप हमारे मस्तिष्क में बनती जाती है तथा समय बीतने के साथ ही ये छाप धूमिल पड़ने लगती है। देखे गए दृश्यों को स्वयं तो कुछ हद तक याद करके दोहराया जा सकता है लेकिन किसी और को उसी दृश्य के बारे में बताना हो तो शायद यह शब्दों के माध्यम से पूरी तरह संभव नहीं हो सकेगा।

इसी समस्या को हल करने के लिए पहले-पहल पेंटिंग का विकास किया गया लेकिन पेंटिंग के माध्यम से किसी विषय वस्तु को उकेरना बहुत ही समय लेने वाला व धैर्य का काम है और जरूरी नहीं है कि बनाया गया चित्र हूबहू अपने माॅडल की तरह ही हो। इन्हीं चुनौतियों से जूझते हुए मनुष्य ने ‘‘कैमरे’’ की खोज की। फ्रांस के महान आविष्कारक ‘जोसेफ नीप्से’ ने सन् 1824 में कैमरे के प्रारंभक रूप का आविष्कार किया था। इस यंत्र से किसी भी वस्तु या दृश्य की हूबहू नकल उकेरी जा सकती थी।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी लियोनार्दो दा विंची ने सर्वप्रथम देखा कि अन्धेरे कमरे में यदि दीवार या दरवाजे के किसी छोटे छिद्र से प्रकाश आता है तो छिद्र के सामने की दीवार छिद्र के बाहर की तरफ मौजूद वस्तु अथवा दृश्य का छोटा व उल्टा प्रतिबिम्ब बन जाता है।

इसकी खोज के आधार पर प्रकाशरोधी बाॅक्स में एक सूक्ष्म छिद्र करके दुनिया का पहला कैमरा ‘कैमरा आन्स्म्यौरा’ बनाया गया।

लियोनादौ दा विंची के इस प्रयोग को फोटोग्राफी के इतिहास में मील का पत्थर माना जाता है। कालान्तर में इसे और छोटा तथा परिवहनीय बनाकर इसमें एक उत्तल लेंस और 45 अंश के कोण पर एक समतल दर्पण लगाया गया। बाद में और सुधार के साथ अत्यन्त सुविधायुक्त कैमरे बनाए जाने लगे।

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