हलासन करने की विधि
- जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
- हथेलियां को कमर के पास जमीन से सटाकर रखें।
- आंखें बंद करके मुंह आकाश की ओर रखें।
- शरीर को ढीला रखें।
- सांस अंदर खींचकर पेट को सिकोड़कर पैरों को ऊपर उठायें।
- दोनों पैरों को उठाकर 900 का एंगल बनायें तथा फिर सांस छोड़ें।
- अब दोनों पैरों को सिर के पीछे जमीन पर टिकाने का प्रयास करें।
- कमर तथा पीठ को पीछे झुकाने के लिए दोनों हाथों की मदद लें।
- हाथ कुहनियां से सीधे रखते हुए पीठ के पीछे जमीन से लगाकर रखें।
- अपनी क्षमता के अनुसार इस स्थिति में रुकें तथा धीरे-धीरे पीठ और पैर को जमीन पर लगाना शुरू करें।
- पूरे आसन के दौरान घुटने सीधे रखने हैं।
हलासन से लाभ
- शुगर के रोगियों के लिए लाभदायक।
- पेट को पतला करता है।
- वजन कम होता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत एवं लचीली बनती है।
- पाचन तंत्र तथा प्रजनन तंत्र मजबूत होते हैं।
- गर्दन, कंधे, पेट, पीठ और कमर के स्नायु मजबूत बनते हैं।
- सिरदर्द तथा थायराइड में यह आसन लाभदायक है।
हलासन करने में सावधानियां
इस आसन को निम्न रोगों से पीडि़त व्यक्ति न करें-- टीबी (क्षय रोग) के पीडि़त व्यक्ति इसे न करें।
- चक्कर आने पर न करें।
- जो व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीडि़त हैं वे न करें।
- कमर दर्द में न करें।
- मासिक धर्म के पहले दो दिन यह आसन न करें।
- हृदय रोग में भी यह आसन वर्जित है।
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