चावल के पौष्टिक तत्व और उपयोग

चावल एक आसानी से पचने वाला अनाज है।

भारत में चावल के प्रकार

भारत में चावल दो प्रकार के होते हैं-

(1) धान या अख (बिना कुटा चावल) - खेत से लाये गये चावल को धान करते हैं। धान को सूखाकर कूटा जाता है, जिससे इसकी ऊपरी सतह पर पाई जाने वाली भूसी निकल जाती है। भूसी में विटामिन बी1 अच्छी मात्रा में होता है। भूसी के साथ विटामिन बी1 भी निकल जाती है।

(2) सेला या भुजिया चावल बनाना -. यह विधि अत्यन्त प्राचीन है। धान को दो या तीन दिन पानी में भिगोकर उसको उबाला जाता है। फिर धान को सूखाकर हाथ या मशीन की कुटाई से भूसी निकाल कर चावल तैयार किया जाता है। इस विधि से अधिक पौश्टिक तत्व चावल में रहते हैं।

चावल के पौष्टिक तत्व

चावल में 80% स्टार्च एवं 6-7% प्रोटीन होती है। चावल को दाल के साथ खाने से प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। धान में विटामिन बी1 एवं निकोटिनिक अम्ल अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं धान कूटने से ये नष्ट हो जाते हैं। चावल को पकाने पर भी काफी मात्रा में विटामिन नष्ट हो जाते हैं। धान में लौह लवण की मात्रा अच्छी होती है, किन्तु चावल में इसकी मात्रा कम हो जाती है।

चावल का उपयोग

दाल के साथ चावल, इडली, डोसा, खमन, ढोकला, पुलाव, बिरयानी, खीर, चावल के आटे से रोटी , पूड़ी, सेव, फुलके तथा चकली बनती है। धान से लाई, चिवड़ा तथा खीलें बनायी जाती है।

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