सरकारी अंकेक्षण क्या है ?

कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-2(45) के अनुसार सरकारी कंपनी वह कंपनी है, जिसकी प्रदत्त पूंजी का 51% या उससे अधिक हिस्सा केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा दोनों के पास होता है, तो उसे सरकारी कंपनी कहते हैं। सरकारी कंपनी का अंकेक्षण, यह सरकारी अंकेक्षण है तथा उसे वैधानिक अंकेक्षण भी कहा जाता है।

केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विभागों का जो अंकेक्षण कराया जाता है, उस अंकेक्षण को सरकारी अंकेक्षण कहते है। केंद्र सरकार के विभागों का अंकेक्षण कंप्ट्रोलर एण्ड ऑडिटर जनरल द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार के सरकारी लेखों की जाँच महालेखापाल द्वारा किया जाता है। स्थानीय संस्था, नगरपालिका, महानगरपालिका, जिला परिषद, ग्रामपंचायत, पंचायत समिति आदि का अंकेक्षण राज्य सरकार के महालेखापाल द्वारा किया जाता है।

केंद्र सरकार के विभागों का अंकेक्षण प्रतिवेदन कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 151 के अंतर्गत राष्ट्रपति को प्रस्तुत करना अनिवार्य है। राज्य सरकार के सरकारी लेखों का अंकेक्षण महालेखापाल द्वारा किया जाता है, उसका प्रतिवेदन राज्यपालों को देना अनिवार्य है। स्थानीय संस्था, नगरपालिका, महानगरपालिका, जिला परिषद, ग्रामपंचायत, पंचायत समिति आदि का अंकेक्षण राज्य सरकार के महालेखापाल द्वारा किया जाता है। उसका प्रतिवेदन विभाग के मुख्य अधिकारी को देना अनिवार्य है।

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