बुद्धि का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार

बुद्धि (Intelligence)ज्ञान अर्जन करने, वातावरण में सामंजस्य करने, कार्य करने की विधि समस्या समाधान करने की योग्यता तथा सम्बन्धों को समझने की योग्यता हैं।

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बुद्धि का अर्थ 

बुद्धि शब्द का प्रयोग सामान्यत: प्रज्ञा, प्रतिभा, ज्ञान एवं समझ इत्यादि के अर्थों में किया जाता हैं. यह वह शक्ति हैं, जो हमें समस्याओं का समाधान करने एवं उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं. बुद्धि के सन्दर्भ में मनोवैज्ञानिकों में मतभेद हैं, फिर भी यह निश्चित तौर पर कहा जाता हैं की यह किसी के व्यक्तित्व का मुख्य निर्धारक हैं, क्योंकि इससे व्यक्ति की योग्यता का पता चलता है. इसे व्यक्ति की जन्मजात शक्ति कहा जाता हैं, जिसके उचित विकास में उसके परिवेश की भूमिका प्रमुख होती हैं।

मानव विकास की विभिन्न अवस्थाओं में बुद्धि के विकास में भी अन्तर होता हैं।

1. बुद्धि के मुख्य तीन पक्ष होते हैं – कार्यात्मक, संरचनात्मक एवं क्रियात्मक

2. बुद्धि को मुख्यत: तीन श्रेणियों में रखा गया है – सामाजिक बुद्धि, स्थूल बुद्धि एवं अमूर्त बुद्धि.

3. वंशानुक्रम एवं वातावरण तथा इन दोनों की अन्त:क्रिया बुद्धि को निर्धारित करने वाले कारक हैं।

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बुद्धि की परिभाषा

विभिन्न मनोवैज्ञानिकों द्वारा निम्न परिभाषाएं दी गई हैं –

1. एल.एम. टर्मन – “बुद्धि अमूर्त विचारों के सन्दर्भ में सिखने की योग्यता हैं”।

2. स्टर्न के अनुसार – “बुद्धि व्यक्ति की वह सामान्य योग्यता है, जिसके द्वारा वह सचेत रूप से नवीन आवश्यकताओं के अनुसार चिन्तन करता हैं. इस तरह, जीवन की नई समस्याओं एवं स्थितियों के अनुसार अपने आपको ढालने की सामान्य मानसिक योग्यता ‘बुद्धि’ कहलाती हैं”।

3. पिन्टर के अनुसार – “जीवन की अपेक्षाकृत नवीन परिस्थितियों से अपना सामंजस्य करने की व्यक्ति की योग्यता बुद्धि हैं”।

4. रायबर्न के अनुसार – “बुद्धि वह शक्ति है, जो हमें समस्याओं का समाधान करने और उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता देती हैं”।

5. वैश्लर के अनुसार – “बुद्धि किसी व्यक्ति के द्वारा उद्देश्यपूर्ण ढंग से कार्य करने, तार्किक चिन्तन करने तथा वातावरण के साथ प्रभावपूर्ण ढंग से क्रिया करने की सामूहिक योग्यता हैं”।

6. वुडवर्थ के अनुसार – “बुद्धि, कार्य करने की एक विधि हैं”।

7. वुडरो के अनुसार – “बुद्धि, ज्ञान अर्जन करने की क्षमता हैं”.

8. थॉर्नडाइक के अनुसार – “सत्य या तथ्य के दृष्टिकोण में उत्तम प्रतिक्रियाओं की शक्ति ही बुद्धि हैं”.

9. कॉलविन के अनुसार – “यदि व्यक्ति ने अपने वातावरण से सामंजस्य करना सीख लिया है या सीख सकता है, तो उसमें बुद्धि हैं”।

1. सामाजिक बुद्धि - सामाजिक बुद्धि वह सामान्य मानसिक क्षमता है जिसके आधार पर व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को समझता है तथा व्यवहार कुशलता के साथ-साथ सामाजिक सम्बन्धों को भी अच्छा बनाता है।

2. अमूर्त बुद्धि - अमूर्त चिन्तन का तात्पर्य ऐसी मानसिक क्षमता से है जिसमें व्यक्ति शाब्दिक तथा गणितीय संकेतों एवं चिन्हों को आसानी से समझ जाता है तथा उसकी व्याख्या कर लेता है।

3. मूर्त बुद्धि - मूर्त बुद्धि वह मानसिक क्षमता है जिसके आधार पर व्यक्ति ठोस वस्तुओं के महत्व को समझता है तथा उसका ठीक ढंग से भिन्न-भिन्न परिस्थितियों मे परिचालन करना सीखता है।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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