अनुवाद
एक भाषा में लिखित ज्ञान को दूसरी भाषा में परिवर्तित करना ही अनुवाद
है। अनुवादक (मानव और मशीन) एक भाषा में लिखित प्रलेख को अपनी समझ, भाषायी
ज्ञान एवं विषय ज्ञान के आधार पर दूसरी भाषा में तैयार करता है। अनुवादक को दोनों
भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है।
जिस भाषा से अनुवाद किया जा रहा है उसे स्रोत
भाषा एवं जिस भाषा में अनुवाद किया जा रहा है उसे लक्ष्य भाषा कहा जाता है।
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अनुवाद की परिभाषा
अनुवाद को अलग-अलग विद्वानों ने परिभाषित
करने का प्रयास किया है।
निडम के अनुसार ‘‘अभिप्राय एवं शैली को दृष्टिगत
रखते हुए स्रोत भाषा की सामग्री को रूपान्तरित भाषा के उपयुक्त स्वाभाविक समनार्थी
रूप में प्रस्तुत करना ही अनुवाद है।’’
केटफोर्ड के अनुसार ‘‘किसी एक भाषा के मूल
पाठों की सामग्री को किसी दूसरी भाषा के समनार्थी मूल पाठ की सामग्री में विस्थापित
करना ही अनुवाद कहलाता है।’’
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अनुवाद के प्रमुख रूप
अनुवाद प्रमुख रूप से दो प्रकार से किया जाता है:-1. तदर्थ अनुवाद: ये चयनित प्रलेखों एवं लेखों का होता है।
2. सम्पूर्ण अनुवाद: सम्पूर्ण अनुवाद में कवर पेज से लेकर अन्तिम पेज तक अनुवाद
किया जाता है।
Nice
ReplyDeleteRight information
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