सर्वांगासन की विधि, सर्वांगासन के लाभ, सावधानियां

इस आसन को सर्वांगासन इसलिये कहा जाता है क्योंकि इस आसन से शरीर के सभी अंग प्रभावित होते है, इसलिये इसे सर्वांगासन कहा जाता है। 

सर्वांगासन की विधि

पीठ के बल लेटकर दोनों पैर सामने, गर्दन सीधी, दोनों हाथ कोहनी से सीधे हथेलियां जमीन की ओर। दोनों पैरों को उठाते है, 30°, 45°, 60°, 90° तक इसके बाद हाथ की हथेलियों को Press करते हुए पैरों को ऊपर ले जाते है नितम्ब की सीध में, कमर को ऊपर उठाते हुए, पैरों को सीधा कर देते है । शरीर का वजन गर्दन तथा हाथ के कंधों पर आता है। वापस आते समय मेरूदण्ड की एक-एक कशेरूका को जमीन पर गिराते हुए आते है ।

सर्वांगासन के लाभ

पैरों को 30°, 45°, 60° पर ऊपर उठाते है तो Lower abdomen पर खिंचाव तथा 90° और उसके आगे नितम्ब की सीध तक दबाव आता है। Internal Organ's की मसाज, जब पैर नितम्ब की सीध में रहते है तब अधिक होती है। इस आसन में पैरा को सिर की सीध में रखते है तो Pencreas प्रभावित होती है। मधुमेह में लाभ मिलता है तथा सभी Internal Organ's के ऊपर जैसे liver, Spleen, Kidney, Small & Large Intestine, Bladder, Uterus सभी एक साथ प्रभावित होते है। कब्जियत, गैस, अपचन, पेट दर्द में लाभ मिलता है। पैरों को ऊपर ले जाते है तो थाईराइड ग्लांड्स पर दबाव होने से ये प्रभावित होती है। थाईराइड रोग में लाभ मिलता है। जिस अंग प्रत्यंग में Blood Circulation नहीं होता तो उनकी पूर्ति मस्तिष्क की तरफ ब्लड होने से पूर्ति हो जाती है।

थाईराइड ग्लांड्स, पेराथाईराइड् ग्लाड्स, पीयूटरी ग्लांड्स, प्रभावित होते है। शारीरिक विकास नहीं रूकता । माइग्रेन को दूर करता है, साथ ही मेमोरी को बढ़ाता है।

अंतिम स्थिति में Lower Body से Blood, Upper Body में जाता है, वापस आते है तो, शुद्ध ब्लड Lower Body में जाता है अतः वेरीकोस वेन्स तथा गैस, अपचन, कब्जियत में लाभ देता है। महिलाओं को मासिक धर्म या अन्य समस्या में लाभ मिलता है। सर्वांगासन Uterus को संकुचित करने में लाभ देता है।

सर्वांगासन की सावधानियां

हर एंगल पर रूकते हुए जाते है । पैर घुटने से सीधे रहते है। जब पैर 90° पर ले जाते है, तो हाथों को प्रेस करते है जमीन पर, बिना किसी जर्क के ऊपर ले जाते है। पैर नितम्ब की सीध में आने के बाद पैरो को सोधे कर देते है। जिन लोगों का हाई ब्लड प्रेशर, सर्वाइकल, हृदय रोग, Slip Disc, कमर दर्द की शिकायत है, ऐसे लोगों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिये । जब Lower Body से Upper Body की तरफ ब्लड जाता है, तो Lower Body में Blood नहीं रहता तथा उसकी पूर्ति क लिए Heart को अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है जिससे उसमें लोड आता है, Breathing बढ़ जाती है। एक मिनट में 72 से अधिक बार बढ़ जाती है। ऊपर से नीचे की ओर खिंचाव वाले आसन सर्वाइकल को लाभ देते है किंतु इस आसन में नीचे से ऊपर की ओर खिंचाव होता है अतः सर्वाइकल मं यह आसन नहीं करना चाहिये ।

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