बालक के मनोविज्ञान को समझते हुए शिक्षण की व्यवस्था करना और उसकी अधिगम सम्बन्धी कठिनाइयों को दूर करना बाल केन्द्रित शिक्षण कहलाता है प्राचीनकाल में शिक्षा का उद्देश्य बालकों के मस्तिष्क में मात्र कुछ जानकारियाँ भरना होता था, किन्तु आधुनिक शिक्षा शास्त्…