सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि की उत्पत्ति

भारत में लिखने की कला का ज्ञान लोगों को अत्यन्त प्राचीन काल से है। इसके प्राचीनतम नमूने सिंधु घाटी (पंजाब के मांटगोमरी जिले के हड़प्पा तथा सिंध के लरकाना जिले के मोहन-जो-दड़ो में प्राप्त सीलों पर) में मिले हैं। हेरास, लैंग्डन, स्मिथ, गैड तथा हंटर ने इ…

सिंधु घाटी सभ्यता का आर्थिक जीवन, सामाजिक जीवन, धार्मिक जीवन

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) का उदय 5000 ई. पू. हुआ था। इस घाटी का क्षेत्र नील घाटी तथा टिगरिस दजला-फरात यूफरेटस के क्षेत्रफल से अधिक था। सिंध के लरकाना जिले में खुदाई स्वरूप प्राप्त हुए जिसे मोहनजोदड़ों के नाम से पुकारे जाने वाले एक …

सिन्धु घाटी सभ्यता की लिपि की उत्पत्ति के विषय में मत

हड़प्पावासी शिक्षित थे। हड़प्पा की मुद्राओं पर अनेक प्रकार के चिह्न या आकृतियां बनी हैं। हाल ही में किए गए अध्ययनों से यह संकेत मिले हैं कि हड़प्पा की लिपि में लगभग 400 चिह्न हैं और इसे दाई से बाई ओर को लिखा जाता है। परन्तु अभी तक इस लिपि को पढ़ा नहीं…

हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारणों का वर्णन \\ हड़प्पा सभ्यता का अंत कैसे हुआ?

भारत में कांस्य युगीन सभ्यता सिंधु घाटी और इसके अगल-बगल के क्षेत्रों में विकसित हुई। इसे इसके सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण शहरों में से एक शहर हड़प्पा के नाम से हड़प्पा सभ्यता कहते हैं; इसे विस्तृत सिन्धु घाटी सभ्यता भी कहा जा सकता है। इस सभ्यता के नगर 1920…

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