यह एक नई अवधारणा है। इसका प्रयोग नए प्रकार के साम्राज्यवाद के लिए किया जाता है। इसे डॉलर साम्राज्यवाद, आर्थिक साम्राज्यवाद, नया-साम्राज्यवाद आदि नामों से भी जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अधिकतर पराधीन राष्ट्र राजनीतिक रूप से तो स्वतन्त्र हो…