भस्त्रिका का शाब्दिक अर्थ है धौंकनी अर्थात एक ऐसा प्राणायाम जिसमें लोहार की धौंकनी की तरह आवाज करते हुए वेगपूर्वक शुद्ध प्राणवायु को अंदर ले जाते हैं और अशुद्ध वायु को बाहर फेंकते हैं। प्राणायाम जीवन का रहस्य है। श्वास के आवागमन पर ही हमारा जीवन निर्भ…