सामंतवाद

भारत में सामंतवाद का उदय और विकास

भारत में मौर्योतर-काल और गुप्तकाल में कुछ राजनैतिक और प्रशासनिक प्रवृतियों के कारण और विशेष तौर पर गुप्तकाल में राज्य-व्यवस्था सांमतवादी ढांचे में ढ़लने लगी थी। प्रो0 रामशरण शर्मा के अनुसार इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्रवृति ब्राÎह्यणों को भूमिदान देने की …

सामंतवाद से क्या तात्पर्य है सामंतवाद की परिभाषा?

यूरोप और ऐशिया के सामान्यत: मध्यकाल के युग को सामंतवाद कहा जाता है क्योंकि इसका उदय, विकास और हृास इसी काल में हुआ। इस शब्द की विभिन्न परिभाषाएं हैं क्योंकि विभिन्न विद्वानों ने इसकी अलग-अलग व्याख्या की है। इसका प्रयोग ऐतिहासिक विकास की भिन्न-भिन्न अव…

यूरोप में सामंतवाद के पतन के कारणों की विवेचना

सामंतवाद एक ऐसी मध्ययुगीन प्रशासकीय प्रणाली और सामाजिक व्यवस्था थी, जिसमें स्थानीय शासक उन शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करते थे जो सम्राट, राजा अथवा किसी केन्द्रीय शक्ति को प्राप्त होते हैं। सामाजिक दृष्टि से समाज प्रमुखता दो वर्गों में विभक्त था- सत…

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