ध्यान का अर्थ है क्रियाहीन होना। ध्यान क्रिया नहीं, अवस्था है। ध्यान की अवस्था में मन विषयों से विमुख होकर अपने आंतरिक केंद्र से जुड़ता है। मन में उठने वाले अनेक विचार धीरे-धीरे शांत होते चले जाते हैं। जब चंचल मन शांत हो जाए, मन में कोई विचार कोई ख्या…