1853 के वर्ष को आधुनिक भारतीय शिक्षा के विकास की ‘किशोरावस्था’ की संज्ञा प्रदान की जा सकते है, क्योंकि इस वर्ष में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के आज्ञा-पत्र के नवीनीकरण (Renewal) के समय ब्रिटिश पार्लियामेन्ट ने भारत में कम्पनी द्वारा किये गये शिक्षा प्रयासों …