मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं बिना समाज के किसी भी व्यक्ति के सर्वांगीण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. समाजीकरण केवल कौशल क्षमता प्राप्त करना, अनुकरण करना ही नहीं इसके माध्यम से व्यक्ति जीवन से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के व्यवहार को भी सीखता है यथा-प…