’’मुद्रा ऐसी वस्तु है, जिसे विस्तृत रूप में विनिमय के माध्यम, मूल्य के मापक ऋणों के अंतिम भुगतान तथा मूल्य के संचय के साधन के रूप में स्वतन्त्र एवं सामान्य रूप से स्वीकार किया जाता है।’’ ऐसी वस्तु मुद्रा हो सकती है, जिसे विनिमय के माध्यम एवं ऋणों के …