आंगन का अर्थ आश्रय से होता है और यह भारतीय सार्वजनिक देखभाल प्रणाली का एक हिस्सा है। आंगनवाड़ी बच्चों का पोषण, स्वास्थ्य और स्कूल से पहले की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए आंगनवाड़ी एक सामुदायिक कार्यक्रम है आज के समय में इसके अंतर्गत वो गांव एवं बस्तियां आती है जो सामाजिक एवं आर्थिक स्तर पर पिछड़ी हुई हैं। इसके अन्तर्गत 6 साल से कम के बच्चों को शामिल किया जाता है । स्वास्थ्य लाभ, आहार की पूर्ति, स्वास्थ्य की शिक्षा, माँ के लिए पोषण सम्बन्धी शिक्षा, टीकाकरण और विटामिन ए की आपूर्ति एवं स्कूल से पहले की शिक्षा जिन्हें हम दो उप वर्गो में वर्गीकृत कर सकते हैं।
1. एक माह से 36 माह का तक समय 36 माह से कम उम्र के बच्चों को उनकी माताओं के साथ आंगनवाड़ी केन्द्र द्वारा पालन- इत्यादि की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
2. दूसरे वर्ग में 36 में 72 माह के बच्चों को शामिल किया जाता है एवं उन्हें स्कूल के पूर्व की शिक्षा उपलब्ध कराई जाती है।
आंगनवाड़ी वास्तव में गाँव या बस्ती में स्थित अपने ही आंगनवाडी में बच्चों कि देखभाल तथा खेलकुद का एक केन्द्र है । यह सामुदायिक स्तर पर छः वर्ष से कम आयु के बच्चों व गर्भवती व स्तनपान वाली महिलाएँ व किशोरियों को सेवाएं प्रदान करने का एक केन्द्र हैं। इस प्रकार का आंगनवाड़ी केंद्र भारतीय गाँवों में बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करता है। यह भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक हिस्सा है। मूल स्वास्थ्य देखभाल गतिविधियों में गर्भ निरोधक परामर्श और पर्याप्त पोषण साथ ही पूर्व - विद्यालय की गतिविधियाँ शामिल की जाती है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका
1. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी गर्भवती महिलाएँ आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकृत हैं और प्रसव पूर्व देखरेख करने में उनकी मदद की जानी चाहिए।
2. सुनिश्चित करें कि सभी प्रसव पूर्व एवं प्रसव पश्चात सेवाएं प्राप्त करने के लिए उचित समय पर उन्हें आवश्यक जानकारी प्रदान की जाये ।
3. गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार प्रदान किया जावे तथा अंधविश्वासों एवं खान पान की गलत धारणाओं से बचने के लिए परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए।
4. गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण सम्बन्धी स्थिति पर नजर रखने के लिए साप्ताहिक आधार पर उनके घर जाना चाहिए ।
5. महिलाओं के गर्भधारण की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए नवविवाहित तथा अन्य जोड़ों को "निश्चय गर्भधारण किट" के प्रयोग के बारे में जानकारी प्रदान की जानी चाहिए।
6. गर्भवती महिलाओं कों नियमित रूप से पूरक आहार तथा आयरन फोलिक एसिड टेबलेट प्रदान की जानी चाहिए।