माध्यम भाषा उसे कहते हैं, जो 'माध्यम' में प्रयुक्त होती है । जिस भाषा के द्वारा शिक्षण-प्रशिक्षण औ पठन-पाठन की व्यवस्था की जाती है, उसे 'माध्यम भाषा' कहते हैं । माध्यम भाषा का यह सामान्य अर्थ है माध्यम भाषा को अंग्रेजी में ‘Medium Language' कहते हैं । भारत में उच्च स्तर पर ज्ञान-विज्ञान, तकनीकी मॅनेजमेंट आदि का पठन-पाठन प्राय: अंग्रेजी में होता है । विधि, मेडिकल आदि का पठन-पाठन भी अंग्रेजी माध्यम से होता है । ऐसा माना जाता है कि, इन विषयों के सूक्ष्म-स्तर का ज्ञान अंग्रेजी भाषा में है और हिंदी भाषा में इसक ज्ञान परिपूर्ण नहीं है । लेकिन वर्तमान स्थिति में यह गलतफहमी है ।
दूसरी ओर इसका एक और उपाय होगा, प्रादेशिक भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाना । विश्व में ज्ञान क्षण - प्रतिक्षण परिवर्तित हो रहा है, जिसके अनुरुप हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में स्तरीय पुस्तकों का निर्माण करना होगा। अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त शिक्षक तथा अभिभावकों का मिथ्या-दम्भ भी हिंदी माध्यम के विकास में अवरोध उत्पन्न करता है । यह भ्रम भी फैलाया गया है कि विज्ञान एवं तकनीकी का ज्ञान अंग्रेजी भाषा द्वारा ही संभव है विज्ञान एवं तकनीकी के नए नए हिंदी शब्द गढ़े जा रहे हैं । कम्प्युटर का हिंदीकरण हो गया है। आज कल देवनागरी लिपि में हिंदी संगणक की भाषा बन गई है।
आज आवश्यकता है, हिंदी के रुप को नए सिरे से गढ़ने की, उसके शब्द भंडार में वृद्धि करने की । हिंदी में बहुभाषी शब्दकोश बनाने की जरुरत है । साथ ही विभिन्न विषयों के कोश, पर्याय कोश, व्युत्पत्ति कोश, संदर्भ कोश आदि का भी निर्माण करना होगा ।
सर्जनात्मक लेखन की हिंदी में भरमार है । अब साहित्य से जादा भाषा की ओर ध्यान देना महत्त्वपूर्ण हो गया है । इस दिशा में प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है । प्रयोजनमूलक उपयोगी साहित्य के लेखन की एवं उसे प्रकाश में लाने की आवश्यकता है । पारिभाषिकों, संकेताक्षरों को इस समय हिंदी की आवश्यकता है।
इस दिशा में विश्वविद्यालय, उच्च शिक्षा संस्थान महत्त्वपूर्ण काय कर सकते हैं। शिक्षक एवं शोधार्थी इसमें अच्छी भूमिका निभा सकते हैं। हिंदी को माध्यम भाषा बनाना तभी संभव है, जब अंग्रेजी स्कूलों से बेहतर हिंदी स्कूल खुल जाए और हमारी गुलामी की मानसिकता का भारतीयकरण हो जाए।