धर्म

धर्म का अर्थ, परिभाषा, धार्मिक व्यवहार

धर्म शब्द का अर्थ बाँधना है। अर्थात मनुष्य और ईश्वर के बीच संबंध स्थापित करने को धर्म कहते है। धर्म एक आस्था है। जो प्रत्येक मनुष्य के हृदय में होती है किसी में कम तो किसी में ज्यादा। धर्म मनुष्य को मनुष्य होने का बोध कराता है। वह सही गलत में फर्क बता…

ईश्वर किसे कहते हैं ईश्वर की परिभाषा क्या है?

शब्द व्युत्पत्ति की दृष्टि से ईश्वर शब्द ईश धातु में वरच् प्रत्यय लगाकर बना है जिसका अर्थ है ऐश्वर्य युक्त, समर्थ, शक्तिशाली, स्वामी, प्रभु, मालिक, राजा, शासक आदि। हिन्दी संस्कृत कोश के अनुसार ईश्वर शब्द का प्रयोग परमेश्वर, जगदीश्वर, परमात्मन, परमेश, …

धर्म की परिभाषा, उत्पत्ति का सिद्धांत (आत्मवाद या जीववाद)

संस्कृत शब्दार्थ कोष के अनुसार, धर्म शब्द धारणार्थक धृ धातु से उत्पन्न है। जिसका अर्थ है धारण करना अत: धर्म का मूल अर्थ है जो धारण किया जाए अथवा जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को धारण करता है। यह सामान्य रूप से पदार्थ मात्र का वह प्राकृतिक तथा मूल गुण ह…

अथर्ववेद का अर्थ, स्वरूप, शाखाएं

‘अथर्व’ शब्द का अर्थ है अकुटिलता तथा अंहिसा वृत्ति से मन की स्थिरता प्राप्त करने वाला व्यक्ति। इस व्युत्पत्ति की पुष्टि में योग के प्रतिपादक अनेक प्रसंग स्वयं इस वेद में मिलते है। होता वेद आदि नामों की तुलना पर ब्रह्मकर्म के प्रतिपादक होने से अथर्ववेद…

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