मानव प्रधानतः अपनी अनुभूतियों तथा मनोवेगों की अभिव्यक्ति उच्चरित अथवा मौखिक भाषा में ही करता है प्रिय छात्रो! लिखित भाषा तो गौण तथा उसकी प्रतिनिधि मात्रा है, क्योंकि भावों की अभिव्यक्ति का साधन साधारणतः उच्चरित भाषा ही होती है। भावों के आदान-प्रदान क…