एरिक्सन का मनोसामाजिक सिद्धांत, मनोसामाजिक विकास की 8 अवस्थाएं

एरिक एरिक्सन एक प्रसिद्ध मनोविष्लेशक थे जिसने मानव के सम्पूर्ण जीवनकाल के सामान्य विकास का मनोसामाजिक सिद्धान्त प्रतिपादित किया । एरिक्सन ने व्यक्तित्व विकास के लिए सामाजिक कारकों के महत्व पर बल दिया । उसने विकास के विभिन्न अवस्थाओं के नियत निर्धारकों…

एडलर द्वारा प्रतिपादित व्यक्तित्व सिद्धांत का विवेचन

एडलर का व्यक्तित्व सिद्धान्त ‘‘नवमनी विश्लेषणात्मक उपागम’’ पर आधारित है। एडलर यद्यपि फ्रायड के काफी नजदीक थे, किन्तु वे व्यक्तित्व के सम्बन्ध में फ्रायड के कुछ विचारों से सहमत नहीं थे। इसलिये उन्होंने फ्रायड से पृथक होकर एक नये व्यक्तित्व सिद्धान्त क…

फ्रायड का व्यक्तित्व का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत || Freud's psychoanalytic theory

मनोविज्ञान के क्षेत्र में सिगमंड फ्रायड के नाम से प्राय: सभी लोग परिचित है। सिगमंड फ्रायड ने व्यक्तित्व के जिस सिद्धांत का प्रतिपादन किया, उसे व्यक्तित्व का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत कहा जाता है। सिगमंड फ्रायड का यह सिद्धांत उनके लगभग 40 साल के वैदानि…

व्यावहारिक मनोविज्ञान का अर्थ, परिभाषा एवं क्षेत्र

व्यावहारिक या प्रयुक्त मनोविज्ञान का तात्पर्य ऐसे मनोविज्ञान से है जो क्षेत्र में व्यक्ति की समस्याओं के समाधान के लिए उनका सही मार्ग दर्शन करने के लिए, मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान में अपने कौशल एवं शोध का उपयोग करते हैं। वस्तुतः मनोवैज्ञानिक सिद्…

मोक्ष का सामान्य अर्थ भारतीय दर्शन में मोक्ष की अवधारणा

मोक्ष का सामान्य अर्थ दुखों का विनाश है। दुखों के आत्यन्तिक निवृत्ति को ही मोक्ष या कैवल्य कहते हैं। प्राय: सभी भारतीय दर्शन यह मानते हैं कि संसार दुखमय है। दुखों से भरा हुआ है। किन्तु ये दुख अनायास नहीं है, इन दुखों का कारण है। उस कारण को समाप्त करके…

ध्यान का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं महत्व

ध्यान चिन्तन की ही एक प्रक्रिया है पर ध्यान का कार्य चित्त करना नहीं अपितु चिन्तन का एकाग्रीकरण अर्थात चिन्त को एक ही लक्ष्य पर स्थिर करना ध्यान कहलाता है। सामान्यतः ईश्वर या परमात्मा में ही अपना मनोनियोग इस प्रकार करना कि केवल उसमें ही साधक निमग्न हो…

धारणा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, परिणाम एवं महत्व

मन (चित्त) को एक विशेष स्थान पर स्थिर करने का नाम धारणा है। यह वस्तुतः मन की स्थिरता का घोतक है। हमारे सामान्य दैनिक जीवन में विविध प्रकार के विचारों का प्रवाह चलता रहता है, दीर्घकाल तक स्थिर रूप से वे नहीं टिक पाते और मन को अस्थिर करते है इसके विपरि…

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