प्रत्यक्ष कर किसे कहते हैं प्रत्यक्ष कर के गुण और दोष क्या है?

सामान्य तौर पर प्रत्यक्ष कर वे कर होते हैं जिनका भुगतान एक ही बार में कर दिया जाता है तथा इन कर का वे ही व्यक्ति भुगतान करते हैं जिन पर वह लगाया जाता है उन के भार को दूसरों पर टाला नहीं जा सकता। इसके विपरीत अप्रत्यक्ष कर वे होते हैं जिनका भुगतान पहले …

एक कर प्रणाली एवं बहुकर प्रणाली के गुण और दोष

एक कर प्रणाली के अंदर राज्य द्वारा केवल एक कर लगाया जाता है जो या तो कृषि उत्पादन पर हो सकता है, आय पर हो सकता है अथवा अन्य किसी वस्तु पर हो सकता है। एक कर प्रणाली एक कर- केवल कृषि पर -  प्रकृतिवादी -अर्थशास्त्रियों का विचार था कि केवल कृषि उत्पादन …

सार्वजनिक ऋण के उद्देश्य

सार्वजनिक ऋण, राज्य द्वारा आय प्राप्त करने का एक साधन है। लोक अथवा सार्वजनिक ऋण उस ऋण को कहते हैं जिसे कि राज्य (state) अपनी प्रजा से अथवा अन्य देशों के नागरिकों से लेता है। सरकार जब उधार लेती है तो उससे लोक ऋण का जन्म होता है। सरकार बैंकों, व्यावसायि…

लोक व्यय क्या है? लोक व्यय में वृद्धि के कारण

लोक व्यय उस व्यय को कहते हैं, जो लोक सनाओं-अर्थात् केन्द्र, राज्य तथा स्थानीय सरकारों के द्वारा या तो नागरिकों की सामूहिक आवश्यकताओं की सन्तुष्टि के लिए किया जाता है अथवा उन के आर्थिक एवं सामाजिक कल्याण में वृद्धि करने के लिए। आजकल सरकारी व्यय की मात्…

भारतीय संविधान की प्रस्तावना की मुख्य विशेषताएं

प्रत्येक संविधान के प्रारंभ में एक प्रस्तावना होती है । जिसमें संविधान के मूल उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को स्पष्ट किया जाता है । यह संविधान का मूल्यवान अंग होने के कारण संविधान की आत्मा, कुंजी तथा मानदण्ड है । यह भारत के प्रजातांत्रिक राज्य का एक संक्षि…

भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं

संविधान को 26 जनवरी, 1950 को देश भर में लागू किया गया । इस सभा का गठन इसलिए किया गया क्योंकि आजादी के बाद भारत के अपने संविधान की आवश्यकता हुई, जिसके लिए एक समिति का गठन किया गया जिसके अध्यक्ष डाॅ. भीमराव अम्बेडकर थे । किसी भी देश का संविधान उस देश की…

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