भारत के प्राचीन वैज्ञानिक भारत के प्राचीन वैज्ञानिक के नाम 1. बौधयन बौधयन पहले विद्वान थे जिन्होंने गणित में कई अवधरणाओं को स्पष्ट किया जो बाद में पश्चिमी दुनिया द्वारा पुन: खोजी गयी। ‘पाई’ के मूल्य की गणना भी उन्हीं के द्वारा की गई। जैसा कि आप जान…
कांग्रेस सरकार के पतन के पश्चात् जनता पार्टी के शासन में आने पर 30 मई 1990 को तत्कालीन उद्योग मन्त्री श्री अजीत सिंह ने लघु एवं कृषि पर आधारित उद्योगों के विकास पर विशेष ध्यान देने वाली तथा औद्योगिक अनुमोदनों हेतु प्रक्रियाओं में परिवर्तन करने वाली औ…
कृषि कार्य को प्राकृतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक कारक प्रभावित करते हे। प्राकृतिक वातावरण कृषि का आधार होता है अत: यह प्रत्यक्ष रूप से कृषि क्रिया को प्रभावित करता हे। कृषि को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक इस सभी कारकों के प्रभाव स्वरूप ही कृ…
मानवशास्त्री ने जीव व वनस्पति के साथ सहयोग कर विभिन्न कृषि विकास की दशाओं का पता लगाया है। प्रारंभिक में मानव का प्रयास सीमित रहा बाद में पशु आदि पर निर्भरता बनी रही धीरे - धीरे कुछ क्षेत्रों को साफ कर कुछ निश्चित फसलें का चयन कर विस्तृत क्षेत्रों को …
सामान्य शब्दों में पलायन अपने मूल निवास स्थान से किसी दूसरे स्थान पर जाकर रहने की प्रक्रिया हैं यह एक जटिल किन्तु आधारभूत सामाजिक प्रक्रिया हैं जिसकी स्पष्ट व्याख्या अत्यंत ही कठिन हैं पलायन एक बहुआयामी घटना है, जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव आर…
मिट्टी सबसे प्रमुख प्राकृतिक संसाधन है। यह मिट्टी जैविक तथा अजैविक तत्वों का मिश्रण है जिसमें पैतृक चट्टानों, वनस्पतियों, जीवाश्मों, उर्वरक तत्वों, जल तथा उष्मा आदि अभिन्न रूप में मिले हुए होते हैं। मिट्टी में सर्वाधिक खनिज पदार्थों की मात्रा होती है…
जिस समय सिकन्दर अपने विश्व विजय के अभियान पर भारत की ओर आया तो यहां मगध में एक शक्तिशाली नन्द साम्राज्य का राज्य था ये नन्द राजा अपनी निम्न उत्पत्ति एवं गलत नीतियों के कारण प्रजा में काफी अलोकप्रिय हो चुके थे परन्तु फिर भी सिकन्दर की सेना ने उनसे मुक…