समकालीन राजनीतिक विचार एवं सिद्धांत

व्यवहारवाद का अर्थ, परिभाषा, कार्यक्षेत्र, आलोचना

व्यवहारवाद एक ऐसी विचारधारा, आन्दोलन, क्रान्ति या दृष्टिकोण है जिसने राजनीति शास्त्र को राजनीति का विज्ञान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह एक ऐसा प्रतिरोध आन्दोलन है जिसका जन्म परम्परागत राजनीति शास्त्र की उपलब्धियों के प्रति असंतोष का परिणाम है…

अरविन्द घोष के राजनीतिक विचार

अरविन्द घोष एक सच्चे राष्ट्रवादी थे। उनकी इच्छा थी कि भारत को अतिशीघ्र ही स्वतन्त्रता मिलनी चाहिए। उनके चिन्तन का मुख्य ध्येय अधिक व्यक्तियों के सुख की बजाय सभी का अधिकतम हित था। उन्होंने गीता, वेदों, उपनिषदों से ज्ञान प्राप्त करके ऐसी विधियों की खोज…

मानवेन्द्र नाथ राय के राजनीतिक विचार

मानवेन्द्र नाथ राय के चिन्तन का विकास मानवेन्द्र नाथ राय का राजनीतिक चिन्तन अनेक उतार-चढ़ावों से परिपूर्ण है। अपने जीवन के प्रारम्भिक वर्षों में जब उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया तो वे एक क्रान्तिकारी स्वभाव के व्यक्ति थे। लेक…

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