शिक्षा का समाज पर प्रभाव एवं शिक्षा का समाज में स्थान

शिक्षा का समाज पर प्रभाव एवं स्थान इस पर हम बिन्दुवार आगे कुछ विस्तार से देखेंगे- शिक्षा का समाज पर प्रभाव समाज शिक्षा के प्रत्येक पक्ष को प्रभावित करता है तो ठीक उसी प्रकार शिक्षा भी समाज को प्रत्येक पक्ष पर प्रभावित करती है, चाहे आर्थिक, राजनैतिक…

जनतंत्र किसे कहते हैं? अर्थ, परिभाषा, प्रकार

जनतंत्र (डेमोक्रेसी) का साधारण अर्थ है जन+तंत्र या लोक+तंत्र जनता का शासन या शासन पर नियंत्रण, जनतंत्र एक प्रकार से सामाजिक संगठन है, और इसके अर्थ को भी विविध रूपो में लिया जाता है। जनतंत्र का अर्थ जनतंत्र ‘डेमोक्रेसी’ Democracy शब्द का हिन्दी रूपान्त…

सुरक्षा परिषद के संगठन एवं कार्यों का वर्णन

संयुक्त राष्ट्रसंघ का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य विश्व शांति और सुरक्षा को बनाये रखना है। उन महान् दायित्व की पूर्ति के साधन के रूप में सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई है। इसलिये संघ के घोषणा-पत्र के अन्तर्गत विश्व-शान्ति और सुरक्षा बनाये रखने का मुख्य …

कवि बिहारी का जीवन परिचय, रचनाएं, भावपक्ष, कलापक्ष

कवि बिहारी हिन्दी के रीति युग के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि है। इनकी ख्याति का एकमात्र आधार इनकी कृति ‘‘बिहारी सतसई’’ है। सतसई का मुख्य छन्द दोहा है। बीच-बीच में कुछ सोरठे भी मिल जाते है। केवल एक छोटी सी रचना के आधार पर जो यश बिहारी को मिला वह साहित्य क्षे…

मार्क्सवाद क्या हैं ? मार्क्सवाद कि मूल सिद्धांत क्या हैं ?

कार्ल मार्क्स मार्क्सवाद क्या है? जर्मन विचारक कार्ल मार्क्स के समाज, अर्थशास्त्र और राजनीति से संबंधित विचारों को सामूहिक रूप में मार्क्सवाद के नाम से जाना जाता है। मार्क्सवादी विचारधारा के जन्मदाता कार्ल मार्क्स 1818-1883. तथा फ्रेडरिक एन्जिल्स 1820…

मार्क्सवाद के सिद्धान्त - वर्ग संघर्ष, ऐतिहासिक भौतिकवाद

मार्क्सवाद को सर्वप्रथम वैज्ञानिक आधार प्रदान करने का श्रेय कार्ल मार्क्स व उसके सहयोगी एंजिल्स को जाता है। फ्रांसीसी विचारकों सेण्ट साईमन तथा चाल्र्स फोरियर ने जिस समाजवाद का प्रतिपादन किया था, वह काल्पनिक था। कार्ल मार्क्स ने अपनी पुस्तकों ‘Das Cap…

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