महमूद गजनबी और मुहम्मद गोरी के आक्रमणों के उद्देश्य

महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी के आक्रमणों के उद्देश्य महमूद गजनबी और मुहम्मद गोरी के भारत आक्रमणों के उद्देश्य भिन्न थे । महमूद गजनबी का भारत में राज्य स्थापित करने का कोई उद्देश्य नहीं था । उसका मुख्य उद्देश्य भारत से अपार धन-सम्पदा लूटकर गजनी ले जाना…

ह्वेनसांग का यात्रा वृतांत एवं जीवन परिचय || hiuen tsang ka jeevan parivhay in hindi

ह्वेनसांग का यात्रा वृतांत हर्ष के शासन काल में चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत के विभिन्न भागों की यात्रा की और चीन लौटने के पश्चात उसने अपनी यात्रा वृतांत संस्मरणों को लेखबद्ध किया । अतएव उसका विवरण हर्षकालीन इतिहास पर अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रकाश डालता …

मौर्य वंश का इतिहास (मौर्य वंश की राजकीय व्यवस्था, मौर्य वंश की प्रशासनिक व्यवस्था)

नन्द वंश के पतन के पश्चात मगध में मौर्य वंश की सत्ता स्थापित हुई । मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य (321 ई.पू.) था । यूनानी लेखकों ने उसे सेन्ड्रोकोट्स या एण्ड्रोकोट्स कहा है । इस राजवंश का भारतीय इतिहास में विशिष्ट महत्व है । मौर्य शासकों ने छ…

फारसी साम्राज्य का इतिहास। History of Persian Empire

फारसी साम्राज्य साइरस महान और टेरियस के नेतृत्व में फारसी या इखमनी साम्राज्य विश्व के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक हो गया । बाद के साम्राज्यों ने इसे अनेक मामलों में आदर्श बनाया । साइरस द्वारा अपनाई गई नीति के अनुसार सम्राट की शक्ति लागू करने मे…

वैदिक साहित्य के प्रमुख ग्रंथ

वेद चार हैं ऋग्वेद , सामवेद , यजुर्वेद , अथर्ववेद । इनमे ऋग्वेद सबसे पा्रचीन और अथर्ववेद सबसे बाद का माना जाता है। ऐतिहासिक सामग्री के दृष्टिकोण से ऋग्वेद और अथर्ववेद ही सबसे महत्वपूर्ण है। ऋग्वेद में भारत में आर्याें का आगमन उनका प्रसार भारत के निवास…

ऋग्वैदिक काल की राजनैतिक स्थिति, सामाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिति

भारतीय संस्कृति के इतिहास में वेदों का स्थान अत्यन्त गौरवपूर्ण है । वेद भारत की संस्कृति की अमूल्य सम्पदा है । आर्यो के प्राचीनतम ग्रन्थ भी वेद ही है । भारतीय संस्कृति में वेदो का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि हिन्दुओं के आचार विचार, रहन सहन, धर्म कर्म क…

मांग का अर्थ, प्रकृति, निर्धारक, आवश्यक तत्व, प्रकार, नियम

मानवीय आवश्यकताओं की संपूर्ति सभी उत्पादक आर्थिक गतिविधियों का मूल ध्येय और लक्ष्य होता है। इच्छा तो उपभोक्ता की किसी वस्तु को पाने की कामना मात्र है। यदि उस कामना के साथ-साथ उपभोक्ता की क्रय क्षमता और उसकी खरीदने की तत्परता का भी संयोग हो जाए तभी वह …

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