कवि या रचनाकार जिस मंजिल से गुजरता है अर्थात् जो वह जीवन में भोगता है उसे वर्णित करता जाता है, वही कविता है । कविता की परिभाषा महावीरप्रसाद द्विवेदी के अनुसार :– “कविता का विषय मनोरंजन एवं उपदेश जनक होना चाहिए।” डॉ. नगेन्द्र के अनुसार - "छंदमयी …
किसी भी बात को लिखते वक्त विराम चिन्ह का बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। विराम चिन्हों के माध्यम से वाक्य के प्रकार व ठहराव की जानकारी मिलती है। किसी के द्वारा कही गयी बात को सिर्फ लिख देने से यह पता नहीं चलता कि वह बात किस अंदाज में बोली गयी। विराम चि…
अक्षर विन्यास अथवा वर्तनी की शुद्धता भाषा का अनिवार्य अंग है। अभिव्यक्ति में विचारों की क्रमिकता एवं सुसम्बद्धता कितनी ही सुव्यवस्थित क्यों न हो परन्तु यदि विचारों को व्यक्त करने वाली भाषा शद्ध नहीं हो तो उसका असर नगण्य होकर रह जाएगा। भाषा की शुद्धता…
हिन्दी भाषा का ध्वनितत्व वैज्ञानिक है, नागरी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के लिए निश्चित अक्षर हैं और उनका सटीक उच्चारण है। उच्चारण पर बल न देने पर उच्चारण दोष उत्पन्न होता है और भाषा का रूप विकृत होता है, उसका निश्चित रूप नहीं बन पाता है। भाषा के दो रूप …
राज्य की उत्पत्ति राज्य एक ऐतिहासिक परिघटना है जो मानव के सामूहिक जीवन की उपज है- जब मानव प्राकृतिक अवस्था से निकलकर संगठित जीवन आरम्भ करता है। अत: ऐसा समय भी रहा है जब, जिसे हम राज्य कहते हैं, उसका आस्तित्व नहीं था। प्राचीन भारतीय स्रोतों के अध्ययन स…
व्यक्ति के शरीर में मस्तिष्क का महत्त्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि व्यक्ति जो भी कार्य करता है वह अपने मस्तिष्क के संकेत पर या मन के अनुसार करता है। जब तक हमारा मन स्वस्थ नहीं रहता है, तब तक हम किसी भी कार्य को ठीक से नहीं कर सकते। जिन लोगों का मस्तिष्क स…