संविधान में उपराष्ट्रपति के कार्य का वर्णन

भारतीय संविधान के अनुसार भारत के लिए एक उपराष्ट्रपति की भी व्यवस्था की गई है। भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा, संविधान का अनुच्छेद (63) इसकी व्यवस्था करता है। उपराष्ट्रपति के पद की संकल्पना को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से ली गई। वहां की शासन व्यवस…

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य

राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनेां सदनों के चयनित सदस्य समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार राज्यों में विधान सभा के सदस्यों के द्वारा एकल अंतरणीय मत के द्वारा होता है । राज्यो के बीच परस्पर एक…

भारतीय संविधान में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया

न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया एक स्वस्थ एवं निष्पक्ष न्यायपालिका का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है। जितने श्रेष्ठ व्यक्ति इस प्रक्रिया द्वारा चुने जायेंगे उतना ही न्यायपालिका का स्तर बेहतर होगा। संविधान निर्माण के समय से ही इस विषय पर व्यापक वि…

न्यायपालिका की स्वतंत्रता क्या है भारतीय संविधान में न्यायापालिका की स्वतंत्रता स्थापित करने हेतु प्रावधान?

न्यायालय की स्वतंत्रता की संकल्पना इग्लैण्ड से ली गयी है। सन् 1616 में न्यायाधीश कोक को उनके पद से (किंग बेन्च के मुख्य न्यायाधीश) पदच्युत किया गया था। इस समय न्यायाधीश अपने पद को सम्राट के प्रसादपर्यन्त धारणा करते थे और सम्राट के अन्य कर्मचारियों के…

न्यायिक सक्रियता क्या है

न्यायिक सक्रियता की उत्पत्ति प्रजातन्त्र के तीन प्रमुख स्तम्भों न्यायपालिका, विधायिका एवं कार्यपालिका में से जब विधायिका तथा कार्यपालिका स्वयं को प्रदत्त कार्यों को करने में शिथिलता प्रकट करें या असमर्थ हो जाये तो प्रजातंत्र के तीसरे स्तम्भ के रूप …

संघात्मक शासन प्रणाली का अर्थ, परिभाषा, लक्षण या तत्व

शासन की शक्तियों का प्रयोग मूल रूप से एक स्थान से किया जाता है या कई स्थानों से। इस आधार पर शासन-प्रणालियों के दो प्रकार हैं-एकात्मक शासन और संघात्मक शासन। जिस शासन-व्यवस्था में शासन की शक्ति एक केन्द्रीय सरकार में संकेन्द्रित होती है, उसे एकात्मक शा…

आधुनिकीकरण क्या है, आधुनिकीकरण की समस्याएं?

आधुनिकीकरण कोई दर्शन या आन्दोलन नहीं है जिसमें स्पष्ट मूल्य व्यवस्था हो। यह तो परिवर्तन की एक प्रक्रिया है प्रारम्भ में आधुनिकीकरण शब्द का प्रयोग ‘‘अर्थ व्यवस्था में परिवर्तन और सामाजिक मूल्यों एवं प्रथाओं पर इसके प्रभाव’’ के संदर्भ में किया जाता था। …

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