भूमि सुधार से आप क्या समझते हैं भारत में इसके उद्देश्य स्पष्ट कीजिए?

भूमि सुधार एक विस्तृत धारणा है जिसमें सामाजिक न्याय की दृष्टि से जोतों के स्वामित्व का पुनर्वितरण तथा भूमि के इष्टतम प्रयोग की दृष्टि से खेती किए जाने वाले जोतों का पुनगर्ठन सम्मिलित है। नोबल पुरस्कार प्राप्त महान अर्थशास्त्री प्रो0 गुन्नार मिर्डल के …

कृषि अर्थशास्त्र का अर्थ, परिभाषा एवं इसकी प्रकृति व क्षेत्र

कृषि अर्थशास्त्र में मनुष्य धन कमाने और उसे व्यय करने की समस्त क्रियाओं से उत्पन्न समस्याओं का अध्ययन किया जाता है । कृषि अर्थशास्त्र व्यावहारिक विज्ञान और आदर्श विज्ञान के साथ-साथ कला भी है। कृषि पूरी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र होता है। क…

घाटे की वित्त व्यवस्था की व्याख्या कीजिए

वर्तमान शताब्दी के प्रथम चतुर्थांश तक सन्तुलित और अतिरेक का बजट आदर्श बजट माना जाता था। परन्तु आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में विकास प्रक्रिया की विभिन्न आर्थिक और कल्याणकारी क्रियाओं में राज्य का एक समर्थ अभिकर्ता के रूप में प्रवेश होने के कारण सम्प्रति उ…

सार्वजनिक ऋण किसे कहते हैं सार्वजनिक ऋण के स्रोतों को या वर्गीकरण निम्न 8 आधारों पर किया जा सकता है

जब सार्वजनिक आय की तुलना में सार्वजनिक व्यय अधिक होता है तथा इस सार्वजनिक व्यय की पूर्ति सार्वजनिक ऋण लेकर की जाती है, जिसे सार्वजनिक ऋण कहते हैं। सरकार जब सार्वजनिक व्यय सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति करारोपण के द्वारा नहीं कर पाती है। तथा घाटे की वित्त…

परम्परागत बजटिंग की अवधारणा को स्पष्ट करने के बाद बजटिंग की मुख्य विशेषताओं का वर्णन

सामान्यत: दी जाने वाली सार्वजनिक बजटिंग की अवधारणा को परम्परागत बजटिंग से ही सम्बन्धित किया जाता रहा है। आपको यहाँ यह समझने में आसानी होगी कि परम्परागत बजटिंग के अन्तर्गत उन विधियों, व्ययों तथा मदों को सामान्य रूप से शामिल किया जाता है जिन्हें विगत व…

कर विवर्तन क्या है कर विवर्तन के सिद्धांत?

उत्पादक कर की राशि थोक विक्रेता से वसूल लेता है, थोक विक्रेता फुटकर विक्रेता से वसूल लेता है कर के टालने की इस प्रक्रिया को कर-विवर्तन कहते है। कर विवर्तन क्या है?  कर विवर्तन उस क्रिया को कहा जाता है जिसके द्वारा कर का आंशिक या कुल भार एक व्यक्ति से …

करापात की अवधारणा को स्पष्ट करने के साथ विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गयी करारोपण की परिभाषा

कर के टालने की प्रक्रिया जब समाप्त हो जाती है और जिस व्यक्ति पर इसका भार अन्त में, पड़ता है उस व्यक्ति पर करापात हुआ माना जाता है। उपभोक्ता पर करापात होता है।  जब सरकार किसी व्यक्ति या संस्था पर कर लगाती है तो वह व्यक्ति या संस्था उस कर की राशि को स्व…

करारोपण के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव

कराकरोपण अर्थव्यवस्था के समस्त मुख्य भागों को प्रभावित करता है। कार्य करने की क्षमता एवं इच्छा पर करारोपण का प्रभाव करारोपण की प्रकृति के आधार पर पड़ता है जो उसी दिशा में उत्पादन को प्रभावित करता है। बचत करने की क्षमता तथा इच्छा का उत्पादन से सीधा सम्…

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