देवनागरी लिपि तथा हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण

प्राचीन नागरी लिपि का प्रचार उत्तर भारत में नवीं सदी के अंतिम चरण से मिलता है, यह मूलत: उत्तरी लिपि है, पर दक्षिण भारत में भी कुछ स्थानों पर आठवीं सदी से यह मिलती है। दक्षिण में इसका नाम नागरी न होकर नंद नागरी है। आधुनिक काल की नागरी या देवनागरी, गुजर…

इतिहास अतीत का अर्थ, परिभाषा, उपयोगिता, महत्व, प्रकृति व क्षेत्र

इतिहास अतीत क्या है? इस प्रश्न के उत्तर अनेक रूपों में हमारे सामने आते हैं। विभिन्न विद्वानों के द्वारा इसके अनेक उत्तर दिये गये हैं। इतिहास अतीत एक ऐसा विषय है जिसे सीमाओं में नहीं बाँधा जा सकता। इतिहास अतीत हर विषय से सम्बन्धित है। प्राचीनकाल से आज …

स्थानीय इतिहास क्या है?

स्थानीय इतिहास अतीत को आमतौर पर ‘ऐतिहासिक-लेखन की विशिष्ट धारा जो भौगोलिक रूप में लघु क्षेत्र पर केन्द्रित, अव्यावसायिक इतिहास अतीतकारों द्वारा, अशैक्षिक श्रोताओं के लिए लगातार लिखा जाने वाला और उन पर केन्द्रित इतिहास अतीत माना जाता है।’ पश्चिमी देशों…

केम्ब्रिज सम्प्रदाय क्या है ?

अनिल सील के शोधा प्रबंध इमरजेंस ऑफ इंडिया नेशनलिज्म (1968) का निर्देशन केम्ब्रिज के जॉन गेलेधर ने किया था। इस शोध ग्रंथ में जॉन गेलेधर की अभिधारणा को ही आगे बढ़ाया गया। अनिल सील के प्रथम पीढ़ी के छात्रों खासतौर पर जुडिथ ब्राउन, जिन्होंने गांधीजी राईज …

भाषा की उत्पत्ति का सिद्धांत

प्राचीनकाल से भाषा की उत्पत्ति पर विचार होता रहा है। कुछ विद्वानों का मंतव्य है कि यह विषय भाषा-विज्ञान का है ही नहीं। इस तथ्य की पुष्टि में उनका कहना है कि विषय मात्रा संभावनाओं पर आधारित है। भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन को भाषाविज्ञान कहते हैं। यदि भाषा…

मिथक का अर्थ, परिभाषा, प्रकार और भेद

संस्कृत में ‘मिथक’ शब्द के समीपवर्ती शब्दों के रूप में दो ही शब्दों का प्राधान्य रहा है। प्रथम है ‘मिथस’ अथवा ‘मिथ’, जिसका अर्थ है – ‘परस्पर सम्मिलन’ तथा द्वितीय है ‘मिथ्या’ जिसका अर्थ है – झूठ तथा असत्य। यदि मिथक का उद्धव ‘मिथस’ से माना जाए तो इस शब्…

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