समायोजन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं विशेषताएं

समायोजन को सामंजस्य, व्यवस्थापन या अनुकूलन भी कहते हैं। व्यक्ति को सफल जीवन व्यतीत करने के लिए अपने वातावरण और परिस्थितियों के साथ समायोजन स्थापित करना आवश्यक हो जाता है। व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की अनुकूल एवं प्रतिकूल परिस्थितियाँ आती रहती हैं…

जीन पियाजे का नैतिक विकास का सिद्धांत और कोहलबर्ग का नैतिक विकास सिद्धांत

नैतिकता व्यक्ति के स्वभाव के अनुकूल आचरण है व्यक्ति के निम्न स्वभाव के अंतर्गत वह स्वार्थी, पाशविक एवं वासनात्मक आचरण करता है। दूसरों के सुख-सुविधा हेतु त्याग एवं परोपकार व्यक्ति के उच्च स्वभाव की प्रवृत्तियाँ हैं। जब व्यक्ति अपनी स्वार्थमय प्रवृत्तिय…

नैतिकता का सामान्य अर्थ, नैतिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक

नैतिकता का सामान्य अर्थ सज्जनता या चरित्रनिष्ठा समझा जाए यह कहा गया है कि हमें दूसरों के साथ वह व्यवहार करना चाहिए जो दूसरों से अपने लिए चाहते हैं। सूत्र रूप में मानवीय गरिमा के अनुरूप आचरण को नैतिकता कहा जाता है आहार, व्यवहार, उपार्जन, व्यवसाय, परिवा…

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ, परिभाषा, मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक

व्यक्ति के शरीर में मस्तिष्क का महत्त्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि व्यक्ति जो भी कार्य करता है वह अपने मस्तिष्क के संकेत पर या मन के अनुसार करता है। जब तक हमारा मन स्वस्थ नहीं रहता है, तब तक हम किसी भी कार्य को ठीक से नहीं कर सकते। संसार में वे ही व्यक्ति…

संवेगात्मक बुद्धि का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएँ

संवेगात्मक बुद्धि का अर्थ संवेगात्मक बुद्धि दो प्रत्ययों से मिलकर बना है संवेग और बुद्धि। संवेग का अर्थ है उद्वेलन की अवस्था एवं बुद्धि का अर्थ है विवेकपूर्ण चिन्तन की योग्यता। इस प्रकार संवेगात्मक बुद्धि एक आन्तरिक योग्यता होती है जिसके द्वारा व्यक्त…

भारत में शिक्षा के स्तर और प्रकार

शिक्षा शब्द संस्कृत के शिक्ष् धातु में अ प्रत्यय लगने से बना हैं। जिसका अर्थ होता हैं- सीखना या सिखाना। जो भी कार्य व्यक्ति को नवीन अनुभव एवं नवीन ज्ञान प्रदान करता हैं वह शिक्षा हैं।  शिक्षा को केवल विद्यालय में ही प्राप्त नहीं किया जा सकता अपितु शिक…

ज्योतिबा फुले के विचार (राजनीतिक विचार, धार्मिक विचार, शिक्षा सम्बन्धी विचार)

ज्योतिबा फुले  ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सातारा जिले में माली जाति के एक परिवार में हुआ था। वे एक महान विचारक, कार्यकर्ता, समाज सुधारक, लेखक, दार्शिनक, संपादक और क्रांतिकारी थे। उन्होंने जीवन भर निम्न जाति, महिलाओं और दलितो…

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